उत्तर प्रदेश संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना
मुख्य विशेषताएं
उत्तर प्रदेश संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाई के लिए निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:
- छात्रवृत्ति:
- कक्षा 1 से स्नातकोत्तर तक पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता।
- अतिरिक्त प्रोत्साहन:
- हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक, और स्नातकोत्तर परीक्षाओं में उच्च अंक प्राप्त करने पर अतिरिक्त धनराशि।
- साइकिल सब्सिडी:
- कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए साइकिल खरीदने पर सब्सिडी।
वेबसाइट
उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड श्रम विभाग।
ग्राहक सहायता
संपर्क विवरण:
श्रम विभाग, उत्तर प्रदेश।
योजना का अवलोकन
- योजना का नाम: उत्तर प्रदेश संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना।
- नोडल विभाग: उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड श्रम विभाग।
- लाभ:
- श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति के माध्यम से आर्थिक सहायता।
- आवेदन का तरीका: ऑनलाइन आवेदन।
योजना के बारे में
यह योजना उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड श्रम विभाग द्वारा संचालित की जाती है।
- योजना का उद्देश्य श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना है।
- यह योजना श्रमिक परिवारों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
मुख्य उद्देश्य:
- श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- उच्च शिक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में मदद करना।
- बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना।
लाभ
योजना के तहत विभिन्न कक्षाओं के लिए निम्नलिखित आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है:
- कक्षा 1 से 5 तक: ₹2,000/- एकमुश्त।
- कक्षा 6 से 10 तक: ₹2,500/- एकमुश्त।
- कक्षा 11 से 12 तक: ₹3,000/- एकमुश्त।
- स्नातक पाठ्यक्रम: ₹12,000/- एकमुश्त।
- आईटीआई, पॉलिटेक्निक, वोकेशनल कोर्स: ₹12,000/- एकमुश्त।
- 2 वर्ष या उससे अधिक के कोर्स: ₹60,000/- एकमुश्त।
- स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम: ₹24,000/- एकमुश्त।
- मेडिकल (MBBS) एवं स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा: ₹1,00,000/- एकमुश्त।
अतिरिक्त प्रोत्साहन:
- हाईस्कूल/इंटरमीडिएट में 70% अंकों से उत्तीर्ण होने पर:
- बालक: ₹5,000/-
- बालिका: ₹8,000/-
- स्नातक/स्नातकोत्तर में 60% अंकों से उत्तीर्ण होने पर:
- बालक: ₹10,000/-
- बालिका: ₹12,000/-
पात्रता
योजना के लिए पात्रता निम्नलिखित है:
- स्थायी निवासी:
- आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- पंजीकृत श्रमिक:
- निर्माण श्रमिक के रूप में बोर्ड में पंजीकरण और कम से कम 365 दिन की सदस्यता।
- आयु सीमा:
- बालक/बालिका की आयु 25 वर्ष या उससे कम होनी चाहिए।
- मान्यता प्राप्त संस्थान:
- छात्र/छात्रा का पंजीकरण सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय में हो।
- अधिकतम दो संतानों को लाभ:
- पंजीकृत श्रमिक की अधिकतम दो संतानों को लाभ मिलेगा।
आवश्यक दस्तावेज़
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज अनिवार्य हैं:
- आधार कार्ड।
- छात्र का अंक पत्र।
- अगली कक्षा में प्रवेश की शुल्क रसीद।
- स्कूल का प्रमाण पत्र।
- श्रमिक कार्ड।
- बैंक खाता विवरण।
- पासपोर्ट साइज फोटो।
लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया
- आवेदन पोर्टल पर जाएं:
- श्रम विभाग, उत्तर प्रदेश के ऑनलाइन पोर्टल पर लॉगिन करें।
- आवेदन फॉर्म भरें:
- योजना के आवेदन सेक्शन में आवश्यक जानकारी भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें:
- सभी आवश्यक दस्तावेज़ पोर्टल पर अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करें:
- भरा हुआ आवेदन पत्र सबमिट करें।
- सत्यापन:
- आवेदन की जांच और सत्यापन के बाद मंजूरी दी जाएगी।
- धनराशि ट्रांसफर:
- स्वीकृति के बाद धनराशि सीधे आवेदक के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
महत्वपूर्ण बिंदु
- योजना का उद्देश्य श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है।
- यह योजना बालिकाओं की शिक्षा और उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करती है।
- आवेदन और दस्तावेज़ की प्रक्रिया ऑनलाइन और सरल है।
यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा और अवसर प्रदान कर उनका भविष्य उज्जवल बनाती है।
महत्वपूर्ण लिंक
- उत्तर प्रदेश संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना करे।
- उत्तर प्रदेश संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना आवेदन की स्थिति।
- उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड श्रम विभाग।
- उत्तर प्रदेश संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना दिशानिर्देश।